मैं क्यों हूँ? मेरा उद्देश्य क्या है?


हर व्यक्ति के जीवन में एक समय आता है जब वह स्वयं से यह प्रश्न करता है — "मैं क्यों हूँ? मेरा उद्देश्य क्या है?"
यही प्रश्न हमारी आत्मा की पुकार होती है, जो हमें जीवन की भीड़ से अलग हटकर कुछ अर्थपूर्ण करने की प्रेरणा देती है।
ऐसे ही समय में एक संकल्प हमें जीवन की दिशा देता है, शक्ति देता है, और हमें साधारण से असाधारण बना सकता है।

इस लेख में हम उस एक संकल्प की बात करेंगे जो न केवल हमें बदलता है, बल्कि हमारे आस-पास की दुनिया को भी रौशन करता है —
"मैं अपना जीवन दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाने के लिए जीऊँगा।"


संकल्प का अर्थ और शक्ति:

संकल्प सिर्फ शब्द नहीं होता, यह आत्मा का निर्णय होता है।
जब कोई व्यक्ति एक महान उद्देश्य के लिए स्वयं को समर्पित करता है, तो ब्रह्मांड की सारी शक्तियाँ उसकी सहायता के लिए एकत्र हो जाती हैं।

रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं:
"संकल्प सिद्धि होय सकलाही। करहिं कृपा जाहिं जान सबु ताही॥"
अर्थात जब संकल्प सच्चे मन से किया जाए, तो सारी सिद्धियाँ उसकी ओर चलती हैं।


संकल्प क्यों ज़रूरी है?

  1. दिशाहीन जीवन थकान देता है, संकल्पमय जीवन उत्साह देता है।
  2. संकल्प मन को एकाग्र करता है और जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाता है।
  3. यह हमें नकारात्मकता से ऊपर उठाकर सेवा, प्रेम और करुणा की ओर ले जाता है।

प्रेरणास्रोत: हमारे महापुरुषों के संकल्प

  • स्वामी विवेकानंद ने कहा था:
    "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"
    उन्होंने अपना जीवन युवाओं को जागृत करने के संकल्प को समर्पित कर दिया।

  • महात्मा गांधी ने संकल्प लिया – "मैं देश को आज़ादी दिलाकर रहूँगा।"
    उनका यह संकल्प आज़ादी की क्रांति का आधार बन गया।

  • अब्दुल कलाम ने संकल्प लिया – "मैं बच्चों को सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा दूँगा।"
    वे लाखों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बने।


जीवन में 'प्रकाश फैलाने' का अर्थ क्या है?

  1. प्रेम और सहयोग देना
    एक मुस्कान, एक सहारा, किसी को समझना — ये सब जीवन में प्रकाश फैलाना है।

  2. ज्ञान बाँटना
    जो आप जानते हैं, उसे दूसरों को सिखाइए। यह अज्ञान के अंधकार में ज्ञान का दीपक है।

  3. सेवा करना
    किसी भूखे को खाना देना, किसी परेशान को समय देना — यही जीवन की सच्ची पूजा है।

  4. प्रेरणा देना
    अपने अनुभवों से दूसरों को उठाना, उन्हें उनकी शक्ति याद दिलाना — यह सबसे महान कार्य है।


कैसे करें इस संकल्प की शुरुआत?

  1. हर सुबह संकल्प लें:
    आँख खुलते ही कहें — "आज मैं कम से कम एक व्यक्ति के जीवन में रौशनी लाऊँगा।"

  2. छोटे कार्यों से शुरुआत करें:

    • किसी की मदद करें
    • बच्चों को कहानी सुनाएँ
    • बुजुर्गों के साथ समय बिताएँ
    • सोशल मीडिया पर सकारात्मक बातें साझा करें
  3. रोज़ डायरी में लिखें:
    "आज मैंने किसके जीवन में रौशनी फैलाई?"
    यह अभ्यास आपको आत्म-संतोष और प्रेरणा देगा।

  4. हर हफ्ते आत्म-मूल्यांकन करें:
    क्या मैं अपने संकल्प के अनुसार जी रहा हूँ?
    अगर नहीं, तो सुधार की योजना बनाइए।


संकल्प का असर आपके जीवन पर:

  • आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा — जब आप दूसरों की मदद करेंगे, तो अपने अंदर नई ऊर्जा पाएँगे।
  • आपके संबंध बेहतर होंगे — आप अधिक संवेदनशील और प्रेमपूर्ण बनेंगे।
  • आप समाज में आदर प्राप्त करेंगे — क्योंकि अब आप सिर्फ जी नहीं रहे, प्रेरणा बन रहे हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता की प्रेरणा:

भगवद्गीता 3.10 में श्रीकृष्ण कहते हैं:
"सह यज्ञाः प्रजाः सृष्ट्वा पुरोवाच प्रजापतिः।
अनेन प्रसविष्यध्वं एष वोऽस्त्विष्टकामधुक्॥"

अर्थात – भगवान ने सृष्टि की रचना करते हुए कहा कि सेवा और यज्ञ के साथ जीवन जियो, यही तुम्हारे समस्त इच्छाओं की पूर्ति का साधन होगा।

यह श्लोक हमें यही सिखाता है कि दूसरों के लिए जीना, सेवा करना ही सच्चा जीवन है।


निष्कर्ष:

"मैं अपना जीवन दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाने के लिए जीऊँगा।"
यह संकल्प एक बीज की तरह है जो हर दिन पानी देने से वटवृक्ष बन सकता है।
ऐसे संकल्प से न केवल आपका जीवन बदलता है, बल्कि समाज, देश और युग भी बदल सकता है।

आपका जीवन किसी को रौशनी दे सकता है। इसलिए उठिए, जागिए, और अपने भीतर के दीपक को जलाइए।


अगर आप चाहें, तो मैं इस संकल्प को एक सुंदर PDF फॉर्मेट में या एक भाषण के रूप में भी तैयार कर सकता हूँ।
क्या आप चाहेंगे?

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